लोकसदन एवं प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ सम्मान समारोह, याद किये गए कोरबा के संघर्षशील पत्रकार रहे स्व. रमेश पासवान
कोरबा। कोरबा के क्रियाशील पत्रकारों में ख्यातिलब्ध पत्रकार एवं दैनिक लोकसदन के संपादक सुरेश रोहरा द्वारा आये दिन नीत नए रचनात्मक एवं सरोकार से जुड़े कार्यों को अमलीजामा पहनाते रहते हैं। उनके मार्गदर्शक एवं मित्र सनंददास दीवान एवं श्री रोहरा अंतिम व्यक्ति के प्रति अच्छी सोच रखकर नीचे तबके के लोगों के उत्थान के लिए कुछ न कुछ नया करते रहते हैं, ताकि समाज को एक नया संदेश जाए और नीचे तबके के लोगों का भला हो।
इसी कड़ी में कोरबा के निर्भीक एवं पत्रकार जगत के होनहार व्यक्ति रहे स्व. रमेश पासवान के संघर्षशील जीवन को अपनी कलम से नया आकार दिया और समाज को यह संदेश दिया कि व्यक्ति धन से नहीं बल्कि अपने कर्म से अपनी पहचान बनाता है। स्व. रमेश पासवान भी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने समाचार के प्रति कभी समझौता नहीं किया, भले ही स्व.श्री पासवान को अपना पूरा जीवन सादगी में ही काटना पड़ा। धनलोलुपता स्व. पासवान को कभी घेर नहीं पायी। निर्भीक और व्यवहारकुशलता के धनी स्व. रमेश पासवान को मरणोपरांत अजर-अमर करने का बीड़ा उठाया सुरेश रोहरा ने और सनंददास दीवान के मार्गदर्शन में तीन साल पहले रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान का शुभारंभ किया और हर साल एक संघर्षशील पत्रकार को यह सम्मान उनके द्वारा दिया जाता है। 2024 का रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान इस बार संघर्षशील पत्रकार एवं दिव्य आकाश के संपादक युधिष्ठिर राजवाड़े को दिया गया। श्री राजवाड़े ने इस अनुग्रह के लिए लोकसदन एवं प्रगतिशील लेखकसंघ के प्रति अपना आभार जताया और कहा कि- हालाकि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं, लेकिन आयोजन समिति ने मुझे इस लायक समझा, यह उनका बड़प्पन है। मैं फिर से आयोजन समिति के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करता हूं।
तीन साल पूर्व इस दुनिया को अलविदा कह गए थे रमेश पासवान
कोरोनाकाल के भयावह को पूरी दुनिया ने देखा है और कईयों ने इस भयावह को भुगता भी है। कई दोस्त, कई विभूतियां इस दुनिया से अनायास ही इस महामारी के कारण चले गए। हम पत्रकार साथियों के बीच एक अलग पहचान बनाने वाले रमेश पासवान भी इस महामारी के शिकार हो गए और एक निर्भीक तथा ख्यातिलब्ध पत्रकार इस दुनिया से चले गए। पत्रकारों के बीच अलग छवि और सबको अपने व्यवहार से अपना बना लेने की क्षमता रखने वाले रमेश पासवान के अनायास चले जाने से पत्रकार जगत को काफी आघात लगा। उनके निधन से रिक्त जगह को पूरी नहीं की जा सकती लेकिन उनके व्यक्तित्व और उनकी लेखनी को अजर अमर करने के लिए लोकसदन परिवार द्वारा रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान की शुरूआत उनके निधन के बाद तीन साल पूर्व किया गया। लोकसदन के संपादक सुरेश रोहरा की कर्मठता और जज्बा से यह समारोह हर साल लघु रूप से लेकिन भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस साल 22 अगस्त को घंटाघर कोरबा के पास स्थित पंडित मुकुटधर पांडेय साहित्य भवन में संध्या 6 बजे से इस समारोह के विभूतियों की उपस्थिति में भव्यता के साथ मनाया गया।
विज्ञापन एवं समाचार प्रकाशित करवाने हेतु संपर्क करें Prabhat Chhattisgarh ( Prabhat Sonchhatra
Prabhatsonchhatra@gmail.com
https://www.prabhatchhattisgarh.in
More Stories
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण के अध्यक्ष पद पर नारायण सिंह की नियुक्ति
पटवारी संघ के विरोध से अटका प्रमोशन, सफल अभ्यर्थी न्याय के इंतज़ार में
मस्तूरी विधानसभा अंतर्गत ग्राम जुनवानी में धोबी समाज की बैठक सम्पन्न, 20 तारीख को सम्मेलन में पहुंचने का आह्वान